• राणा सांगा पर दिए विवादित बयान को लेकर राज्यसभा में हंगामा

    समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान राणा सांगा को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस बयान पर सत्ता पक्ष ने अपनी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को इस विषय पर सदन में हंगामा हुआ, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित भी करनी पड़ी

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    नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान राणा सांगा को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस बयान पर सत्ता पक्ष ने अपनी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को इस विषय पर सदन में हंगामा हुआ, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।

    सभापति जगदीप धनखड़ ने राणा सांगा को नायक बताया। उन्होंने कहा कि सदन में कुछ भी बोलते समय जन भावनाओं का सम्मान और ध्यान रखना चाहिए। सभापति ने कहा कि उस वक्तव्य को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है, लेकिन यह सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में हमारा आचरण मर्यादित होना चाहिए, संजीदगी का होना चाहिए। मनुष्य जीवन में कई बार भाव या भावना में बह जाते हैं, लेकिन इसमें हमें सुधार करना चाहिए।

    सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोगों की संवेदनाएं बहुत महत्वपूर्ण है। इसी तरह संसद सदस्यों की सुरक्षा और डिग्निटी भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सदन में जो कुछ भी कहा गया, वह खराब था और उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है। सभापति ने यह भी कहा कि मैं चाहता हूं कि सदन में हम सभी एकजुट हाे कर यह संकल्प लें कि सदन के सदस्य के रूप में हम संवेदनशील मुद्दों पर मर्यादा बनाए रखेंगे।

    वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आपने जो कहा हम उससे पूरी तरह सहमत हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी और अन्य दल भी से सहमत है या नहीं, उन्हें यह बताना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति देश के हीरो को अपमानित करता है तो मैं नहीं मानता की यह मुद्दा केवल रामजीलाल सुमन तक सीमित है। राणा सांगा को लेकर जो वक्तव्य दिया, वह सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया, तो भी वह सोशल मीडिया पर चल रहा है।

    उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सदस्य ने जिस भाषा में राणा सांगा के बारे में बोला है वह किसी को भी कैसे मंजूर हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस और कांग्रेस के सहयोगी दलों से कहा कि वे इसका खंडन करें।

    इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की सभापति ने जो बात रखी है हम उसका स्वागत करते हैं और हम उन बातों से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि जो भी राष्ट्रभक्त हैं जो देश के लिए लड़ते हैं, लड़े हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। हालांकि इसके साथ ही खड़गे ने यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है की कानून को अपने हाथ में लेकर किसी के घर पर जाकर तोड़फोड़ की जाए। हम इसको स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वह इसका खंडन करते हैं। खड़गे ने सदन में कहा कि रामजीलाल सुमन की गाड़ी तोड़ी गई, उनके घर में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ यह जो हो रहा है हम उसको कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

    इसके जवाब में भाजपा के राज्यसभा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो कहा, वह अपराधियों को संरक्षण देने वाला है। उन्होंने राणा सांगा को जानबूझकर दलित समाज से जोड़कर दलित का मुद्दा उठा कर राणा सांगा को दोबारा अपमानित किया है।

    इसका उत्तर देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं वाद विवाद में नहीं जाना चाहता, लेकिन मैंने पहले ही कहा कि सभापति ने राणा सांगा के बारे में जो बातें कही है, हम उससे सहमत हैं। खड़गे ने कहा इसके साथ ही दूसरी बात मैंने यह कही है कि यदि किसी बात को लेकर मतभेद है, तो इसका मतलब यह नहीं की किसी का घर जलाओ, किसी के बच्चों को मारो, उसके घर पर बुलडोजर चलाओ। संविधान इसकी अनुमति नहीं देता।

    संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने खड़गे को उत्तर देते हुए कहा कि आप बार-बार यह कह रहे हैं कि दलित हैंं, इसलिए अटैक किया गया है। सांसद जो वक्तव्य इस सदन में देते हैं, वह जिम्मेदार वक्तव्य होने चाहिए। रिजिजू ने कहा कि आप क्यों जाति को इसमें जोड़ना चाहते हैं। इसमें जाति धर्म का विषय ही नहीं है। यह एक सदस्य ने जो वक्तव्य दिया है, उसका खंडन करने का विषय है।

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